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दिल्ली : पाकिस्तान ने फिर तोड़ा सीजफायर: जम्मू-कश्मीर और राजस्थान में तनाव ताज़ा घटनाक्रम: पाकिस्तान ने शनिवार को फिर सीजफायर का उल्लंघन किया और जम्मू-कश्मीर के सांबा, अखनूर, उधमपुर, राजौरी, आरएस पुरा, और पलनवाला सेक्टर में भारी गोलीबारी और गोलेबारी की। जम्मू के कई इलाकों में पाकिस्तानी ड्रोन और फायरिंग की खबरें आई हैं। बीएसएफ ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है। उधमपुर में ड्रोन अटैक और श्रीनगर में 7-8 धमाकों की भी पुष्टि हुई है। पंजाब के पठानकोट और गुरदासपुर में भी पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए और ब्लैकआउट लागू किया गया। राजस्थान के बाड़मेर में रेड अलर्ट और ब्लैकआउट: बाड़मेर जिले में शनिवार सुबह से रेड अलर्ट जारी है। प्रशासन ने सभी बाजार बंद करने और लोगों को घरों में ही रहने का आदेश दिया है। एयर रेड अलर्ट और ब्लैकआउट की सख्त पालना कराई जा रही है। शाम 6 बजे से ब्लैकआउट लागू कर दिया गया है-सभी लाइटें बंद रखने और बाहर न निकलने की हिदायत दी गई है। बाड़मेर सहित अमृतसर, श्रीगंगानगर, और अन्य सीमावर्ती इलाकों में भी ब्लैकआउट लागू किया गया है। सुरक्षा और प्रशासनिक कदम: बीएसएफ और सेना हाई अलर्ट पर हैं। सीमा के गांवों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। प्रशासन ने दो-स्तरीय सायरन सिस्टम लागू किया है: पहला सायरन खतरे की सूचना देता है, दूसरा सायरन खतरे के टलने पर बजता है। जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी गतिविधियां बंद हैं, और लोगों को रात भर घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। नुकसान और प्रतिक्रिया: बीएसएफ के एक सब-इंस्पेक्टर की शहादत की पुष्टि हुई है। भारतीय सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी पोस्ट को भारी नुकसान पहुंचाया है (Dhandhar पोस्ट)। निष्कर्ष: सीमा पर हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन के बाद कई सीमावर्ती जिलों में ब्लैकआउट, अलर्ट और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। बीएसएफ और सेना पूरी तरह मुस्तैद हैं और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। दिल्ली : ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का डिफेंस सिस्टम कितना तैयार है? मल्टी-लेयर डिफेंस: भारत के पास दुनिया के सबसे एडवांस्ड मल्टी-लेयर एयर डिफेंस सिस्टम हैं, जो बैलिस्टिक, क्रूज मिसाइल, ड्रोन और फाइटर जेट्स को रोक सकते हैं। इनमें शामिल हैं: S-400 ट्रायम्फ: रूस से मिला यह सिस्टम 40 किमी से 400 किमी तक की मिसाइलें इंटरसेप्ट कर सकता है और 600 किमी तक लक्ष्य पहचान सकता है। यह एक साथ कई टारगेट्स को ट्रैक और नष्ट कर सकता है। PAD और AAD: पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD) ऊँचाई पर और एडवांस एयर डिफेंस (AAD) कम ऊँचाई पर आने वाली मिसाइलों को रोकने के लिए हैं। आकाश, बराक-8, मैनपैड्स: शॉर्ट और वेरी शॉर्ट रेंज के लिए। नई ताकत – XRSAM: भारत खुद का XRSAM (एक्सटेंडेड रेंज एयर डिफेंस सिस्टम) बना रहा है, जो S-400 से भी ज्यादा ताकतवर होगा। यह एक साथ 300 से ज्यादा टारगेट्स को ट्रैक और नष्ट कर सकेगा और लंबी दूरी तक काम करेगा। ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति: पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमलों को भारत के डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही नष्ट कर दिया। भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम (HQ-9) को भी ऑपरेशन सिंदूर में तबाह कर दिया, जिससे पाकिस्तान की सुरक्षा में बड़ी कमजोरी उजागर हुई। S-400 और अन्य सिस्टम्स ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर पाकिस्तानी हमलों को रोकने में अहम भूमिका निभाई। निष्कर्ष: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का डिफेंस सिस्टम पूरी तरह तैयार और सक्षम है। मल्टी-लेयर सुरक्षा, अत्याधुनिक रडार और इंटरसेप्टर मिसाइलें, और आने वाले समय में XRSAM जैसी नई तकनीकें भारत को क्षेत्र में सबसे मजबूत बना रही दिल्ली g: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया बयानों को लेकर सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में खूब चर्चा हो रही है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत के पांच राफेल जेट मार गिराए, लेकिन जब उनसे सबूत मांगे गए तो वे ठोस जवाब नहीं दे पाए और सिर्फ सोशल मीडिया की अफवाहों का हवाला देते रहे, जिससे उनकी काफी फजीहत हुई। इसके अलावा, ख्वाजा आसिफ बार-बार अपने बयान बदलते नजर आए-कभी कहते हैं कि पाकिस्तान सिर्फ भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला करेगा, कभी युद्ध की धमकी देते हैं, तो कभी तनाव कम करने की बात करते हैं। उनकी इस घबराहट और असंगत बयानों को देखकर मीडिया और जनता दोनों ही उनका मजाक बना रहे हैं, और कई लोग उनके बयानों को हास्यास्पद मान रहे हैं। कुल मिलाकर, ख्वाजा आसिफ के बयान पाकिस्तान की असमंजस और दबाव की स्थिति को ही उजागर करते हैं, और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की स्थिति कमजोर नजर आ रही है। दिल्ली : भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने देशवासियों से अपील की है कि वे सेना और प्रशासन को हरसंभव सहयोग देने के लिए तैयार रहें। संघ ने कहा कि राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में पूरा देश तन-मन-धन से सरकार और सैन्य बलों के साथ खड़ा है। RSS ने लोगों से शासन और प्रशासन द्वारा दी जा रही सभी सूचनाओं का पूर्णतः पालन करने, सामाजिक एकता और समरसता बनाए रखने, तथा राष्ट्र विरोधी शक्तियों के किसी भी षड्यंत्र को सफल न होने देने का आग्रह किया है। संघ ने यह भी कहा कि जहां भी जैसी भी आवश्यकता हो, सेना और प्रशासन के लिए हरसंभव सहयोग के लिए तत्पर रहें और राष्ट्रीय एकता व सुरक्षा को मजबूत करें। दिल्ली : होशियारपुर में मिला चाइनीज PL-15 मिसाइल का मलबा: क्या हुआ, घटना का सारांश पंजाब के होशियारपुर जिले में चीन निर्मित PL-15E एयर-टू-एयर मिसाइल का मलबा मिला है। यह मलबा पाकिस्तान द्वारा अपने फाइटर जेट (संभावित JF-17 या J-10C) से दागी गई मिसाइल का है, जिसे भारतीय वायुसेना ने इंटरसेप्ट कर हवा में ही निष्क्रिय कर दिया। मिसाइल अपने लक्ष्य को नहीं भेद पाई और बिना विस्फोट हुए ज़मीन पर गिर गई। तकनीकी और सामरिक महत्त्व PL-15E मिसाइल चीन की एडवांस्ड एयर-टू-एयर मिसाइल है, जिसकी रेंज करीब 145 किमी है और इसमें AESA रडार सीकर व डाटा-लिंक सिस्टम है। मलबा लगभग पूरी तरह सुरक्षित मिला, जिसमें प्रोपल्शन यूनिट, डाटा लिंक, इनर्शियल रेफरेंस यूनिट और सीकर सेक्शन शामिल हैं। मिसाइल में ऑटो-डिस्ट्रक्ट मैकेनिज्म नहीं था, जिससे भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों को इसकी तकनीक का अध्ययन करने का दुर्लभ मौका मिला है। सैन्य और रणनीतिक असर यह घटना पाकिस्तान द्वारा भारत पर मिसाइल और ड्रोन हमलों के जवाब में हुई, जिसमें भारत ने पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की। बार-बार PL-15E मिसाइल के निष्क्रिय मिलने से इसकी विश्वसनीयता और पाकिस्तान की मिसाइल रणनीति पर सवाल उठे हैं। भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) इस मलबे का विश्लेषण कर रहा है, जिससे भविष्य में भारतीय मिसाइल प्रणालियों को और मजबूत किया जा सकेगा। निष्कर्ष पाकिस्तान द्वारा दागी गई चीनी PL-15E मिसाइल भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के चलते लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई और सुरक्षित रूप से बरामद हो गई। यह घटना भारत के लिए तकनीकी और खुफिया दृष्टि से महत्वपूर्ण है, जबकि पाकिस्तान और चीन के लिए सामरिक झटका है। Nagpur : गोंडवाना विश्वविद्यालय, गडचिरौली और कर्टीन विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के बीच माइनिंग के विविध अभ्यासक्रमों हेतु समझौता ज्ञापन (MoU) 7 मई 2025 को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की प्रमुख उपस्थिति में हस्ताक्षरित किया गया। इस समझौते के तहत जुलाई सत्र से तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरू होंगे-माइनिंग टेक्नोलॉजी, स्टील टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर साइंस (माइनिंग से संबंधित)। हर कोर्स में 30-30 छात्रों का वार्षिक प्रवेश होगा। कोर्स की खासियत यह है कि छात्रों को 6 महीने ऑस्ट्रेलिया के वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया स्कूल ऑफ माइन्स (WASM) में, 6 महीने लॉयड्स मेटल्स में ट्रेनिंग और बाकी 2 साल कक्षा में पढ़ाई करनी होगी। यह प्रोजेक्ट लगभग 200 करोड़ रुपये का है, जिसमें राज्य सरकार और प्राइवेट सेक्टर (लॉयड्स मेटल) दोनों का योगदान है।

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